आयुर्वेद के ये इलाज बहुत जल्दी कंट्रोल कर देंगे आपकी शुगर

आयुर्वेद के ये इलाज बहुत जल्दी कंट्रोल कर देंगे आपकी शुगर

सेहतराग टीम

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो हर वर्ग के लोगों को परेशान करती है। इसमें लोगों को परहेज करना पड़ता है। इस स्थिति में लोग अपना मनपंसद चीज भी नहीं खा पाते हैं। इस बीमारी से अपने आप को बचाने के लिए लोग इंसुलिन की सूईयां भी लगवाते हैं। लेकिन उसके बावजूद भी उन्हें इससे छुटकारा नहीं मिलता है। ऐसे में अगर आप आयुर्वेद का सहारा ले तो वो आपके लिए बेहतर होगा। क्योंकि आयुर्वेद के विशेषज्ञों के मुताबिक कई ऐसी जड़ी बूटियां हैं जिनका उपयोग मधुमेह को जड़ से खत्म कर सकता है।

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मधुमेह के उपचार में आयुर्वेदिक पद्धति कैसे कारगर हो सकती है?

आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में डायबिटीज का उल्लेख अमीरों को प्रभावित करने वाली बीमारियों के रूप में मिलता है। ऐसी बीमारी जो शारीरिक निष्क्रियता और आलस्य से जुड़ी हुई है। जीवनशैली में बदलाव ने अब ज्यादार लोगों को इस रोग के गिरफ्त में ले लिया है। आयुर्वेदाचार्यों का मानना है कि आयुर्वेद में प्रमेह मूत्र संबंधी असामान्यता को संदर्भित करता है। आयुर्वेद में बीस प्रकार का प्रमेह और मधुमेह होता है, आमतौर पर लोगों को होने वाला मधुमेह मेलेटस उसी का एक हिस्सा है।

आयुर्वेद में डायबिटीज या शुगर का उपचार (Ayurveda Treatment of Diabetes in Hindi):

आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार आयुर्वेद में जड़ी-बू़टियों से लेकर स्थिति की गंभीरता के आधार पर पंचकर्म प्रक्रियाओं जैसे वामन, विरेचन, वस्ति आदि को शुद्ध करने की क्रिया होती है। इन प्राकृतिक उपचारों के माध्यम से शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाने की कोशिश की जाती है। डायबिटीज के रोगियों के लिए कई जड़ी-बूटियां लाभकारी हो सकती हैं।

तुलसी

टाइप-2 डायबिटीज के रोगियों के लिए तुलसी वरदान है। नियमित रूप से तुलसी का सेवन प्रसव के बाद और सामान्य रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में सहायक है। तुलसी के पत्तों में एंटीऑक्सिडेंट की भी मात्रा होती हैं जो कैरोफिलीन, यूजेनॉल और मिथाइल यूजेनॉल का उत्पादन करते हैं। ये सभी अग्नाशयी कोशिकाओं में इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने में मदद करते हैं।

मेथी

मेथी रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मददगार है। मेथी में मौजूद फाइबर आंत में मोटी-जेली की तरह परत बना लेता है जिससे शर्करा के अवशोषण में अवरोध पैदा हो जाता है। जिन लोगों को हाई शुगर की समस्या है उनके लिए भी मेथी का सेवन बेहद फायदेमंद है। 

जामुन

जामुन में 82 फीसदी पानी होता है जबकि इसमें शुक्रोज बिल्कुल भी नहीं होता है। इसका हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव रक्त और मूत्र में शर्करा के स्तर को कम करता है। जामुन में अल्कलाइड भी उच्च मात्रा में पाई जाती हैं जो हाई शुगर को कम करने में बेहद प्रभावी है।

गिलोय

गिलोय को टाइप 2 डायबिटीज के लिए बेहद ही उपयोगी माना जाता है। गिलोय हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट की तरह काम करता है जो इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाकर रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा गिलोय अतिरिक्त ग्लूकोज को बर्न करने में भी मदद करता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार गिलोय, मधुमेह के उपचार में बेहद प्रभावी है।

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